क्या महिलाएं कर सकती हैं शिवलिंग की पूजा, कैसे की जाती है पूजा, जानिए इस बात की खास धार्मिक वजह

हिंदू धर्म में सदियों से कई रीति-रिवाज और कहानियां रही हैं। वहीं शिवलिंग से एक मान्यता भी जुड़ी हुई है। जी दरअसल कहा जाता है कि महिलाओं को शिवलिंग की पूजा नहीं करनी चाहिए. यह बात कितनी सच है आइए जानते हैं।
क्या है शिवलिंग का अर्थ: पुराणों में शिवलिंग को शून्य, आकाश, अन्न, ब्रह्म और निराकार परम सत्ता का प्रतीक बताया गया है। स्कंदपुराण में कहा गया है कि आकाश स्वयं एक शिवलिंग है।
शिवलिंग पृथ्वी और पूरे ब्रह्मांड की धुरी/धुरी है जिसमें वायुमंडल है। वहीं शिवलिंग को ज्योति का प्रतीक कहा जाता है। इसके अलावा शिवलिंग का अर्थ शाश्वत भी है जिसका न कोई अंत है और न कोई आदि।
महिलाएं कर सकती हैं पूजा: महिलाओं को शिवलिंग को छूकर जल चढ़ाने की मनाही है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह शिवलिंग की पूजा नहीं कर सकती हैं। वहीं अगर पानी पिलाने की बात करें तो महिलाएं ध्यान से पानी पिला सकती हैं लेकिन महिलाओं को कभी भी शिवलिंग को नहीं छूना चाहिए।
महिलाएं स्पर्श क्यों नहीं कर सकतीं?: ऐसा माना जाता है कि जब महिलाएं शिवलिंग को छूती हैं तो माता पार्वती क्रोधित हो जाती हैं। महिलाओं को शिव और पूरे शिव परिवार की मूर्ति की पूजा करनी चाहिए।
महिलाएं उपवास क्यों करती हैं?: कुँवारियों को शिव की पूजा करने से मनचाहा वर मिलता है। वहीं विवाहित महिलाओं द्वारा शिव का व्रत या पूजा करने से दांपत्य जीवन में खुशियां आती हैं। इतना ही नहीं शिव व्रत से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।