भगवा ‘बिकिनी’ विवाद के बीच दीपिका पदुकोण का ये ‘डायलॉग’ हो रहा है ‘प्रचंड’ व्हायरल, कहा की ‘रंग का कोई धर्म नहीं होता’, देखें व्हिडीओ…

मनोरंजन जगत में इस समय फिल्में धमाकेदार रिलीज हो रही हैं और बॉक्स ऑफिस पर करोड़ों की कमाई कर रही हैं। ऐसे में बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान दर्शकों के सामने अपनी एक नई फिल्म लेकर आए हैं, जिसका नाम है ‘पठान’। उनकी फिल्म रिलीज होने से पहले ही जबरदस्त बज बना चुकी है।
शाहरुख खान की इस फिल्म की शूटिंग में काफी वक्त लगा था। कई दर्शक और फैंस भी उनकी इस फिल्म का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। शाहरुख खान और एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण स्टारर फिल्म ‘पठान’ का पोस्टर जैसे ही सामने आया, फैन्स ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी।
इसमें शाहरुख खान का जबरदस्त अंदाज देखने को मिला। शाहरुख खान, दीपिका और एक्टर जॉन अब्राहम के दमदार एक्शन वाले पोस्टर को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि फिल्म कितनी खास होगी। इससे फिल्म देखने की उत्सुकता शुरू हो जाती है। कई बार कोई फिल्म रिलीज होने से पहले ही विवादों में फंस जाती है।
कुछ ऐसा ही हाल अब फिल्म ‘पठान’ का भी हुआ है। इस फिल्म को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। पठान फिल्म के गाने हाल ही में रिलीज हो रहे हैं। फिल्म के नाम से शुरू हुआ ये विवाद अब गाने तक पहुंच गया है। इस फिल्म में रिलीज हुए दीपिका और शाहरुख खान के गाने ‘बेशर्म रंग’ ने फिर से विवाद खड़ा कर दिया है।
दीपिका की सारी फिल्मों में मुझे बाजीराव मस्तानी फिल्म का ये डायलॉग बोहत पसंद हैं ❤️#दीपिका #पठान #SRK pic.twitter.com/lF2ImPWEkL
— shaikh_K.H (@KhadarS89748026) December 17, 2022
गाने को लेकर विरोध यहीं थमने का नाम नहीं ले रहा है। दीपिका के भगवा रंग की बिकिनी पहनने पर बीजेपी नेताओं से लेकर हिंदू संगठनों तक ने आपत्ति जताई थी। उनका कहना है कि इससे उनकी भावनाएं आहत हुई हैं। दीपिका ने भगवा बिकनी पहनकर हिंदू धर्म का अपमान किया है। एक तरफ जहां प्रदर्शनकारी थे तो वहीं एक्ट्रेस के समर्थन में फैन्स खड़े नजर आए।
फैंस को दीपिका की फिल्म ‘बाजीराव मस्तानी’ का एक डायलॉग मिला है जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल हुआ बाजीराव मस्तानी का ये वीडियो :- इस फिल्म में दीपिका ने मस्तानी का किरदार निभाया था। उसे बताया जाता है, ‘भगवा रंग के कपड़े तोहफे में लाने थे, ये हरे रंग का जहर लाने की क्या जरूरत थी? ‘
फिर उस वक्त दीपिका बोलती हैं कि, ‘ये सच है कि हर धर्म ने एक रंग चुना है, लेकिन रंग का कोई धर्म नहीं होता। हां, कभी-कभी मनुष्य का मन काला हो जाता है, जिससे उसे धर्म भी रंग में नजर आने लगता है। दीपिका आगे कहती हैं, ‘वे दुर्गा की मूर्ति को सजाते समय हरी चूड़ियां, हरी चोली पहनती हैं। दरगाहों में बड़े-बड़े पीर-फकीरों की मजारों पर भगवा रंग की चादर बिछी होती है, तो तुम्हें रंग नजर नहीं आता।’