पिता फ़ौज में है करते है देश सेवा बेटी को बोले थे बेटी कभी हिम्मत नहीं हारना ! मात्र 22 साल की उम्र में बेटी ने पिता का सपना किया पूरा, बनी आईएस ऑफिसर

दोस्तों आज के इस खबर में हम एक ऐसी फौजी के बेटी के बारे में बात करने वाले है जो अपने आप में मिसाल है जी हाँ हम जिसके बारे में जानने वाले है उसका नाम स्मिता सभरवाल है और वह दार्जिलिंग के रहने वाली है जो की पश्चिम बंगाल में पड़ता है.
चलिए जानते है एक फौजी पिता की बेटी ने कैसे साकार किया अपने पिता के सपना को आईएस ऑफिसर बनकर दोस्तों स्मिता सभरवाल का जन्म 19 जून 1977 को हुआ था. और इनके पिता का नाम कर्नल प्रणव दास है जो की भारतीय सेना में अधिकारी है.
नौकरी के दौरान इनके पिता की पोस्टिंग अलग-अलग राज्यों के अलग-अलग जिला में हुआ करता था. और जब इनके पिता जी भारतीय सेना से रिटायर हो गए उसके बाद ये पूरा परिवार हैदराबाद में शिफ्ट हो गए. और स्मिता सभरवाल ने अपनी इंटर की पढाई हैदराबाद से ही पूरा की.
इंटर कम्प्लीट होने के बाद स्मिता सभरवाल ने स्नातक में दाखिला ली और इन्होने स्नातक में कोमर्स लिया और ग्रेजुएशन की पढाई पूरी करने के बाद स्मिता सभरवाल ने यूपीएससी की पढाई करना शुरू कर दी क्यूंकि उनके पिता का सपना था की मेरी बेटी पढ़-लिखकर अच्छे ऑफिसर बने.
और बिलकुल अपने पिता के सपना पर खड़े उतरी स्मिता सभरवाल ने यूपीएससी की परीक्षा में ना ही सिर्फ पास की बल्कि 4वां रैंक भी ऑल इंडिया में आया और इन्हें अपने कार्य क्षेत्र में अच्छा करने के लिए इन्हें कई सरे अवार्ड से भी नवाजा गया है और इन्हें इमानदार निर्भीक अधिकारी माना जाता है.