मुकेश अंबानी के छोटे भाई अनिल अंबानी की बिक गई ये कंपनी अब ये व्यक्ति होगा नया मालिक।

मुकेश अंबानी के छोटे भाई अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कैपिटल की नीलामी में सबसे बड़ी बोली लगाने वाले का नाम सामने आया है। कर्ज में डूबी रिलायंस कैपिटल की समाधान प्रक्रिया के तहत टोरेंट समूह ने बुधवार को हुई नीलामी में सबसे ऊंची बोली लगाई है। सूत्रों ने कहा कि अहमदाबाद स्थित टोरेंट ग्रुप ने अनिल अंबानी समूह द्वारा स्थापित गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी (एनबीएफसी) का अधिग्रहण करने के लिए 8,640 करोड़ रुपये की बोली लगाई है।
टोरेंट ग्रुप की प्रवर्तक संस्थाओं ने रिलायंस कैपिटल को खरीदने की यह पेशकश की है। बैंकिंग सूत्रों के मुताबिक हिंदुजा ग्रुप ने भी इस कंपनी को खरीदने के लिए हुई नीलामी में हिस्सा लिया और 8150 करोड़ रुपए का ऑफर दिया, लेकिन टोरेंट ग्रुप ने अपनी ऊंची बोली लगाकर इस ऑफर को मात दे दी।
बैंकिंग सूत्रों ने कहा कि हिंदुजा समूह ने दूसरी सबसे ऊंची बोली लगाई है, जबकि ओकट्री ने नीलामी चरण में भाग नहीं लिया है। कॉस्मिया पीरामल गठबंधन पहले ही बोली प्रक्रिया से बाहर हो चुका था। सूत्रों ने कहा कि लेनदारों की समिति (सीओसी) ने नीलामी के लिए 6,500 करोड़ रुपये की निचली कीमत सीमा तय की थी। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) के एक आदेश के मुताबिक, कर्जदाताओं को रिलायंस कैपिटल की समाधान प्रक्रिया 31 जनवरी, 2023 तक पूरी करनी है।
इस नीलामी को जीतने से टोरेंट ग्रुप को वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र में अच्छा लाभ मिलेगा क्योंकि इसके माध्यम से टोरेंट ग्रुप को रिलायंस जनरल इंश्योरेंस में पूरी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी मिलेगी, जबकि टोरेंट को रिलायंस निप्पॉन लाइफ इंश्योरेंस में अन्य संपत्ति के साथ 51 प्रतिशत हिस्सेदारी मिलेगी।
टोरेंट ग्रुप को जानें
21,000 करोड़ रुपये के टोरेंट ग्रुप के प्रमुख 56 वर्षीय समीर मेहता हैं और उनके नेतृत्व में समूह ने कई रणनीतिक पहल की हैं और नए क्षेत्रों में प्रवेश किया है। उदाहरण के लिए टोरेंट ग्रुप ने बिजली और सिटी गैस वितरण के क्षेत्र में भी अपनी पहचान बनाई है। टोरेंट ग्रुप की प्रमुख कंपनी टोरेंट फार्मास्युटिकल्स भारत की अग्रणी फार्मा कंपनियों में से एक है। अब इसके समूह के पास रिलायंस कैपिटल को खरीदने के बाद वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र में आगे बढ़ने के अवसर हैं।