लोहे के दांतों वाली माताजी ने मरे हुए को उठा दिया! रूदिया दधाडा की माताजी को जानें।

लोहे के दांतों वाली माताजी ने मरे हुए को उठा दिया! रूदिया दधाडा की माताजी को जानें।

माँ मेलड़ी के इतने चमत्कार हैं की कहना मुश्किल है। आज हम आपको लोहे के दांतों माँ मेलड़ी के बारे में बताएंगे, जिसने एक मरे हुए आदमी को जीवन दिया। आज हम इस अद्भुत परचे को जानेंगे कि सभी ग्रामीणों ने इस चमत्कार को अपनी आंखों से देखा। माँ मेलड़ी के पुजारी भुवाजी वास्तव में धन्य हैं और भुवाजी की भक्ति के जरिये एक विधवा माँ ने अपने मृत पुत्र को जीवित पाया। दरअसल, जब आप इस कहानी को जानेंगे तो आपका भी मेलड़ी पर गहरा विश्वास होगा।

यह कई साल पहले हुआ था और यह घटना कोल्हापुर गांव में हुई थी जहां एक विधवा का बेटा अपनी मौत के बिस्तर पर गिर गया था और कई डॉक्टरों के साथ-साथ भगवन मन्नत भी किया लेकिन बेटा ठीक नहीं हुआ तो किसी ने कहा, रणपुर गांव के बगल में मालनपुर एक ऐसा गाँव है जहाँ रुदियो दधादो भुवा रहता है और वह दाढ़ी के साथ पैदा हुआ था और वह मेलड़ी का भक्त है। वे मेलड़ी से भी बात करते हैं।

जैसे ही सभी को यह जानकारी मिली और सोचा की उसके पास चलते हैं और अंत में सभी भक्त भुवा के पास पहुंचे और फिर उन्होंने भुवाजी से कहा कि विधवा का पुत्र बीमार पड़ गया है, हमने सुना हैं कि यह गांव में माँ मेलडी के भुवाजी मरे हुवे को भी जिंदा करते है। आप हमारे साथ आओ और इस बेटे को जिंदा करो। तुम्हारे सिवा हमारा कोई सहारा नहीं है। हमने तुम्हारा और माँ मेलड़ी का नाम सुना है।

यह सुनकर भुवाजी की मुँह से लोहे के दाँतों वाली माँ मेलड़ी ने भुवाजी से कहा, “क्या चाहते हो रुदिया?” भुवाजी ने माँ से कहा मुझे कुछ नहीं चाहिए बस मरने की कगार पर खड़ा यह लड़के को जीविंत करदे। आज इस रूडिया माँ मेलड़ी का नाम सुनकर लोग मेरे पास आए हैं,
में क्यूना गलत साबित गिरु लेकिन मेरी माँ मेलडी गलत साबित नहीं होनी चाहिए और माँ मेलडी ने कुछ नहीं कहा , भुवाजी मंदिर से चल पड़े और उसे गांव के आदमी ने बताया के जिसके लिए आपके पास आये थे वह लड़का मर गया। यह बात सुनकर भुवाजी के आंख से आंसू गिरने लगे।

तब भुवाजी उस विधवा के लड़के के अंतिम संस्कार में शामिल हुए और जब वह कब्रिस्तान पहुंचे तो लड़के का अर्थ देखकर अपने आप से कहा, “हाय माँ, काले सिर वाले व्यक्ति ने दुनिया को धोखा दिया है, लेकिन आप एक कठोर बन गए हैं और अपने भुवा
को धोखा दिया है।” माँ मेलडी या तो तुम मेरी जान लेलो या इस बेटे को एक बार जिन्दा करदो। पूरा गांव कब्रिस्तान में जमा हो गया है। सभी की नजरे मेरी तरफ है। कल कोई तुम पर उंगली उठाएगा और सारा गाँव बात करेगा। माँ मेलड़ी का भुवा आ गया और वह कुछ नहीं कर सका और उसका बेटा उसकी आँखों के सामने मर गया।

भुवाजी की बातें सुनकर रुदिया रुडिया माँ मेलड़ी बोलीं वहा उस बच्चे को सुला दिया गया है और आपको पनिया को अपने कंधे पर लेके उधर जाना है। जब मैं तुम्हारे अंदर आउंगी तब उस बच्चे के दाहिने अंगूठे को मुँह से थोड़ा काटना और मृत शरीर को बुलाऊ तो मानना की माँ मेलड़ी ने बुलाया है । वास्तव में यह अद्भुत चमत्कार हुआ और बेटे को लोहे के दांत वाली मां मेलड़ी से पुनर्जीवित किया। धन्य हैं माँ मेलड़ी और रुदिया दधादा भुवाजीकी.

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