जब अमिताभ बच्चन हो गए थे कंगाल, तब धीरूभाई अंबानी ने की थी एक्टर की मदद, जानें पूरा किस्सा

साल 2017 में ‘रिलायंस कंपनी’ की 40वीं सालगिरह के कार्यक्रम के दौरान दिग्गज अभिनेता अमिताभ बच्चन ने मंच पर कुछ ऐसी बातें कही थीं कि रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी भी भावुक हो गए थे।
साल 2017 में ‘रिलायंस कंपनी’ की 40वीं सालगिरह के कार्यक्रम के दौरान दिग्गज अभिनेता अमिताभ बच्चन ने मंच पर कुछ ऐसी बातें कही थीं कि रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी भी भावुक हो गए थे।
किसी ने सच कहा है ‘जिंदगी सुख और दुख का नाम है।’ हर किसी का बुरा दौर आता है। ऐसा ही एक दौर बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) ने भी देखा है। अमिताभ बच्चन की लाइफ में एक ऐसा दौर भी आया था, जब वह कंगाल हो चुके थे और कुर्की तक के आदेश आ गए थे। हालांकि, इसकी जानकारी जब ‘रिलांयस इंडस्ट्रीज’ के फाउंडर धीरूभाई अंबानी को मिली, तो उन्होंने मदद का हाथ बढ़ाया था, जिसका खुलासा ‘रिलायंस इंडस्ट्रीज’ के 40वें स्थापना दिवस पर अमिताभ बच्चन ने खुद किया था।
धीरूभाई अंबानी ने की थी अमिताभ बच्चन की मदद
दरअसल, साल 2017 में ‘रिलायंस कंपनी’ की 40वीं सालगिरह पर आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में अमिताभ बच्चन को आमंत्रित किया गया था। इस कार्यक्रम के दौरान मंच पर अमिताभ बच्चन ने कुछ ऐसी बातें कही थीं कि रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी भी भावुक हो गए थे। किस्सा सुनाते वक्त अमिताभ बच्चन की भी आंख भी भर आई थी। अमिताभ बच्चन ने बताया था, ”एक ऐसा भी वक्त आया था, जब मैं दिवालिया हो गया था। मेरी कंपनी घाटे में चली गई थी और मेरा बैंक बैलेंस भी जीरो हो गया था। एक ओर कमाई के सभी जरिए बंद थे, तो वहीं दूसरी तरफ सरकार की ओर से कुर्की के आदेश आ गए थे और उस समय धीरूभाई अंबानी जी ने मदद का हाथ बढ़ाया।”
अमिताभ ने आगे बताते हुए कहा था, ”धीरूभाई अंबानी ने बगैर किसी से सलाह-मशविरा किए अपने छोटे बेटे और मेरे मित्र अनिल को यह कहकर भेजा था कि इसका बुरा वक्त चल रहा है, इसे कुछ पैसे दे दो। धीरूभाई की इस उदारता को देखकर मैं भावुक हो गया था, स्थिति बेहतर होती चली गई और मैंने अपने सारे कर्ज चुका दिए।”
धीरूभाई ने दिग्गज कारोबारियों से कराई थी अमिताभ की मुलाकात
इसी मंच पर अमिताभ बच्चन ने एक और किस्सा सुनाया था। अमिताभ ने बताया था, ”मैं धीरूभाई अंबानी के यहां एक दावत में गया था, जहां धीरूभाई अपने दिग्गज कारोबारी मित्रों के साथ बैठे हुए थे। मैं वहां जाने से संकोच कर रहा था, लेकिन धीरूभाई ने खुद बुलाकर मुझे अपने पास बिठाया। उन्होंने अपने दोस्तों से कहा था कि ‘ये लड़का गिर गया था, लेकिन अपने बल पर फिर खड़ा हो गया है और मैं इसकी इज्जत करता हूं।’ धीरूभाई का ये व्यवहार और उनके शब्द मेरे लिए उस धनराशि से हजारों गुना ज्यादा मूल्यवान थे।”
जानें धीरूभाई अंबानी के बारे में
बता दें कि अंबानी परिवार को दुनिया के सबसे अमीर परिवार बनाने की नींव रखने वाले धीरूभाई अंबानी का जन्म 28 दिसंबर 1932 को गुजरात के जूनागढ़ के गांव चोरवाड़ में हुआ था। उनके पिता हीराचंद गोर्धनभाई अंबानी एक शिक्षक थे। वहीं, उनकी माता जमनाबेन एक सामान्य गृहिणी थीं। धीरूभाई पांच भाई-बहन थे, जिनका नाम रमणिकभाई, धीरूभाई, नाथूभाई, त्रिलोचनाबेन और जसुमतिबेन था। यमन में नौकरी के बाद उन्होंने बिजनेस का रुख किया और साल 1966 में रिलायंस इंडस्ट्रीज की स्थापना की। धीरूभाई अंबानी कैसे बिजनेस के ‘बादशाह’ बने,